Home Breaking News शुभदर्शनी अस्पताल पर फिर इलाज में लापरवाही का आरोप, मरीज के परिजनों का हंगामा

शुभदर्शनी अस्पताल पर फिर इलाज में लापरवाही का आरोप, मरीज के परिजनों का हंगामा

by Bengal Media

रानीगंज : रानीगंज के बांसड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित शुभदर्शनी अस्पताल में अक्सर इलाज में लापरवाही का आरोप को लेकर चर्चा में रहता है। अक्सर यहां सुनने में आता है कि मरीज के परिजन अस्पताल प्रबंधन तथा यहां के डॉक्टरों के ऊपर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हैं। कुछ दिन पूर्व ही यहां एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजन काफी हंगामा किए थे एवं कथित रूप से मुआवजे के बाद मामला रफा दफा हुआ था।फिर से रविवार को रात को सुभोदर्शनी अस्पताल में इलाज में लापरवाही को लेकर एक मामला सामने आया जिसमें मरीज के परिजनों द्वारा काफी हंगामा किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों पर सुरक्षा गार्ड्स के साथ धक्कामुक्की करने एवं तोड़फोड़ का भी आरोप लगाया। जिस मरीज के परिजनों ने सिरे से नाकार दिया। इस विषय को लेकर मरीज रशीदा बेगम के पुत्र रईस आलम ने बताया कि शनिवार को मां का रक्तचाप काफी बढ़ गया था, इसके बाद एक अन्य अस्पताल में ले जाया गया जहां मां का सीटी स्कैन हुआ इसके बाद अस्पताल द्वारा न्यूरो के डॉक्टर नहीं होने के कारण अन्य जगहों पर ले जाने को बोला गया। इसके बाद हम लोगों ने शुभोदर्शनी अस्पताल में मां को लेकर गए जहां मां का इलाज डॉ आनंद की देखरेख में शुरू हुआ। वहां डॉक्टर ने पहले ही एमआरआई करने की सलाह दी थी स्वास्थ्य साथी कार्ड से इलाज हो रहा था बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन द्वारा पैसे की मांग की गई। पहले 10 हजार रुपया जमा कराया गया, उसके बाद दवा के लिए लगभग 4 हजार दिया गया एवं फिर बाद में एमआरआई के लिए 8 हजार रुपए की मांग की गई थी।बावजूद इसके रविवार की रात तक मरीज का एमआरआई नहीं किया गया। रविवार की रात 9:00 बजे डॉक्टर से बात हुई तो डॉक्टर ने बताया कि पेशेंट को पैरालिसिस हुआ है फिजियोथैरेपी देने के बाद धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा। यहां के डॉक्टर ने मुझे सलाह दी की स्वास्थ्य साथी से इलाज करना या सरकारी अस्पताल में इलाज करना दोनों ही बात बराबर है। पैसे देकर अच्छे से मां का इलाज कराएं। तो मैंने कहा कि जो भी पैसा लगेगा मैं देने को तैयार हूं वहां का अच्छे से इलाज किया जाए। परंतु रविवार की देर रात मां की हालत गंभीर हो गई एवं मां को वेंटिलेटर पर रखा गया। मां की हालत अत्यंत गंभीर बताई जा रही है कभी भी कुछ भी हो सकता है। मेरा कहना है कि 24 घंटे तक मरीज को यहां बिना इलाज के क्यों रखा गया उसका इलाज क्यों नहीं किया गया। मां जब यहां आई थी तो बात कर रही थी उनकी हालत इतनी खराब नहीं थी। अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज में घोर लापरवाही की गई है अगर मेरी मां यहां से ठीक होकर नहीं निकली तो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी। वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा तोड़फोड़ तथा सुरक्षा गार्ड्स के साथ हाथापाई के आप पर उन्होंने कहा कि वैसा कुछ नहीं हुआ है यहां सीसीटीवी लगा हुआ है सीसीटीवी में देखने से साफ पता चल जाएगा कि हम लोगों ने यहां कोई भी तोड़फोड़ या धक्का मुक्की नहीं की गई है बल्कि जो भी तोड़फोड़ दिख रही है वह अस्पताल के कर्मी ही किए हैं। अगर हम लोग तोड़फोड़ करते तो यहां का शीशा वगैरह भी सब फूटा हुआ रहता परंतु वैसा कुछ भी नहीं हुआ है।वही इस विषय पर अस्पताल के सीईओ अंतरा गांगुली ने कहा कि इलाज में कोई भी लापरवाही नहीं हुई है डॉक्टर द्वारा जो भी सलाह दी गई है वही सब टेस्ट हुए हैं एवं वही सब दवाइयां दी गई है पेशेंट का हालत पहले ही खराब था इसीलिए उसे पहले ही आईसीयू में भर्ती किया गया था उसके बाद जो भी इलाज की जरूरत हुई वह इलाज दिया गया बहुत सारे यहां मरीज आते हैं किसी की भी तबीयत ज्यादा खराब हो ही सकती है परंतु मरीज की हालत ज्यादा खराब होने पर भीड़ जुटा कर मारपीट की स्थिति तैयार करना, धमकी देना, तोड़फोड़ करना क्या उचित नहीं है अगर ऐसा होगा तो हम लोग मरीज का इलाज कैसे कर पाएंगे यहां के रिसेप्शन में बैठे कर्मचारी कैसे काम कर पाएंगे। टेस्ट के लिए पैसे लेने का आरोप पर उन्होंने कहा कि जब तक डॉक्टर एडवाइस नहीं करेंगे तब तक टेस्ट कैसे होगा जब डॉक्टर ने एडवाइज किया तो टेस्ट किया गया। इसके लिए पहले कोई भी पैसे की मांग नहीं की गई। अस्पताल में इलाज में लापरवाही के मामले अक्सर आने को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे रहते एक दो मामले हुए हैं परंतु इलाज में लापरवाही नहीं हुई है यहां पर लगभग 100 के आसपास मरीज भर्ती हैं अगर इनका इलाज नहीं होता तो इतने मरीज यहां नहीं होते इसमें कई गंभीर रूप से बीमार मरीज भी आते हैं इलाज में अब उनका और भी गंभीर हो ही सकता है परंतु इसके लिए तोड़फोड़ करना हंगामा करना या उचित नहीं है अगर ऐसा होगा तो हम लोग। गंभीर मरीजों को यहां कैसे भर्ती करेंगे ?

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