
इस अवसर पर प्रसिद्ध नाट्यकर्मी नीलांजन घटक,मनोमय कांजिलाल,राम सुभाष हाजरा, वरिष्ठ शिक्षक एवं कवि गुणमय फौजदार, कवि मनींद्रनाथ मुखोपाध्याय, पत्रकार विश्वनाथ बंदोपाध्याय जैसे विशिष्ट व्यक्तित्व भी उपस्थित रहे।
कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर एवं विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम की पुण्यधरा रानीगंज शहर को केंद्र में रखते हुए इस बार प्रतियोगिता का विषय था “रवींद्र और नजरुल की कविताएँ”। पश्चिम बर्धमान जिले के साथ-साथ अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुल चार वर्गों में आयोजित इस प्रतियोगिता में 300 से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हुए। साथ ही संस्था के विद्यार्थियों के लिए एक आंतरिक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
संस्था के प्रमुख अभिजीत दे ने बताया कि उनका उद्देश्य है कि छात्र-छात्राएं आवृत्ति की ओर आकर्षित हों और इसे एक सांस्कृतिक अभ्यास के रूप में अपनाएं। आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और भी भव्य रूप देने का प्रयास किया जाएगा।
प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को आगामी वार्षिक कार्यक्रम 2025 के दौरान पुरस्कृत किया जाएगा। कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों और अभिभावकों का उत्साह देखते ही बन रहा था।