Home BusinessLatest News सहारा इंडिया के कार्यालय खोलने के अनुरोध को झारखंड डीजीपी ने किया खारिज, निवेशकों को जल्द भुगतान की चेतावनी

सहारा इंडिया के कार्यालय खोलने के अनुरोध को झारखंड डीजीपी ने किया खारिज, निवेशकों को जल्द भुगतान की चेतावनी

by Bengal Media
रांची: झारखंड पुलिस मुख्यालय में बुधवार को सहारा इंडिया की लीगल टीम, विश्व भारती जनसेवा संस्थान के सदस्य और झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता के बीच बैठक हुई। सहारा मुख्यालय, लखनऊ से आई लीगल टीम ने झारखंड प्रशासन द्वारा सहारा के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को लेकर चर्चा की और रांची ज़ोन ऑफिस को छोड़ अन्य कार्यालयों को पुनः खोलने का अनुरोध किया।
झारखंड डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सहारा की लीगल टीम के इस अनुरोध को सख्ती से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद सहारा विभिन्न कंपनियों में निवेशकों से रजिस्ट्रेशन और री-सबमिशन के नाम पर पैसा ले रहा है। इसके पुख्ता प्रमाण पुलिस के पास मौजूद हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में सहारा की किसी भी शाखा से भुगतान नहीं हो रहा है। ऐसे में झारखंड में रांची ज़ोन ऑफिस को छोड़कर अन्य कोई कार्यालय नहीं खोला जाएगा। यदि ऐसा हुआ, तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।
डीजीपी ने चेतावनी दी कि अगर झारखंड के सभी जमाकर्ताओं का पैसा जल्द वापस नहीं किया गया, तो सहारा के सभी निदेशकों को जेल भेजा जाएगा।
सहारा इंडिया की लीगल टीम, जिसमें संदीप शर्मा और चिरंजीव शामिल थे, ने आग्रह किया कि कंपनी को 15 दिनों का समय दिया जाए। इस दौरान निवेशकों के भुगतान के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। इस पर डीजीपी ने अस्थायी सहमति व्यक्त की।
इस बैठक में विश्व भारती जनसेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष जनार्दन मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा, संयुक्त सचिव अशोक कुमार राम और संतोष कुमार सहित रांची के कई लोग उपस्थित थे। संस्थान के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव संजीत मोदी ने कहा कि संस्थान छोटे निवेशकों की गाढ़ी कमाई को वापस दिलाने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि संस्था आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पीड़ित निवेशकों के साथ मिलकर बड़ी भूमिका निभाएगी। जब तक निवेशकों का पूरा पैसा वापस नहीं होगा, तब तक यह लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगी।
इस बैठक में झारखंड डीजीपी ने साफ कर दिया कि निवेशकों के पैसे की वापसी सुनिश्चित किए बिना सहारा को कोई राहत नहीं दी जाएगी। यह कदम निवेशकों के हित में लिया गया है, जो सहारा में अपनी मेहनत की कमाई खो चुके हैं।

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