रानीगंज/जामुड़िया : लंबे समय से शिल्पांचल में दामोदर तथा अजय नदियों से लगातार अवैध रूप से बालू खनन चल रहा है। जिसकी वजह से नदियों के अस्तित्व पर खतरा हो गया है। नदी में जल कम होता जा रहा है। नदी की धारा एक तरफ हो गई है। विशेषकर दामोदर नदी की धारा अब पूरी तरह बांकुड़ा जिले के किनारे की ओर से बह रही है इसका मुख्य कारण यह है कि तिराट, बल्लभपुर तथा अंडाल में नदी के बीचो-बीच बांध बनाकर बालू उत्खनन हो रहा है। जिससे तिराट से लेकर अंडाल तक अब दामोदर नदी के किनारों पर अब नदी की धारा नहीं रह गई है। यहां तक कि रानीगंज इलाके का बल्लभपुर शमशान घाट पर अब हिंदू धर्म के परंपरा के साथ भी खिलवाड़ चल रहा है। हिंदू धर्म के लोग शवों को नदी के किनारे श्मशान घाट पर जलाते हैं तथा तथा अस्थियों को नदी की धारा में प्रवाहित करते हैं। परंतु रानीगंज के बल्लभपुर स्थित श्मशान घाट पर बालू खनन कंपनी ने नदी के बीचो-बीच बांध बना दिया है जिससे नदी की धारा बांकुड़ा जिले के किनारे की तरफ बह रही है। जिसकी वजह से यहां शो जलाने के बाद अस्थियों को तालाबनुमा जलाशय में प्रवाहित करना पड़ रहा है। इन समस्याओं को देखते हुए सीपीआईएम ने अब बालू खनन एवं पेयजल के लेकर हल्ला बोल दिया है।माकपा से जुड़े श्रमिकों, किसानों, कृषि मजदूरों और बस्ती उन्नयन समिति ने अवैध रेत खनन को रोकने और पेयजल संकट को दूर करने के लिए “नदी बचाओ – जीवन बचाओ” के आह्वान करते हुए मंगलवार को बल्लभपुर में शहीद सुकुमार बनर्जी की प्रतिमा से एक विरोध जुलूस निकाला। जुलूस में बड़ी संख्या में लोगों ने साहेबगंज मोड़, बल्लभपुर, रॉयपारा, पेपरमिल गेट होते हुए दामोदर नदी शमशान घाट घाट के निकट धरना प्रदर्शन किया। यहां प्रदर्शनकारियों ने अवैध रेत खनन को रोकने, कागज मिलों को खोलने, श्रम संहिता को समाप्त करने तथा 100 दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने दामोदर नदी को बचाने की मांग करते हुए हाथों में तख्तियां और पोस्टर ले रखे थे तथा ब्रिगेड रैली को सफल बनाने का भी आह्वान किया। इस दौरान माकपा नेताओं ने कहा किखनन क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि रेत निकालने के लिए बड़ी मशीनें अवैध रूप से नदी में उतारी जा रही हैं। प्रशासन में हर कोई चुप है। रेत तस्करी से खनन क्षेत्रों में अपराध दर बढ़ रही है। मजदूर, किसान व खेत मजदूर नेताओं ने कहा कि वे 8 अप्रैल को जिला मजिस्ट्रेट को एक प्रतिनिधिमंडल सौंपेंगे, जिसमें अवैध बालू लूट को बंद करने तथा मेहनतकश जनता के अधिकारों की मांग की जाएगी। देश को भाजपा से बचाने और तृणमूल के लुटेरों के खिलाफ क्षेत्र के मजदूर वर्ग के लोग 20 अप्रैल को ब्रिगेड मार्च करेंगे। उस शाम मार्च के अंत में मजदूर आंदोलन के नेता सुप्रियो रॉय और किसान नेता मलय मंडल ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया और कहा कि नदी में बालू की लूट के कारण नदी का जलस्तर घट रहा है। पर्यावरण नष्ट हो रहा है. हेमंत प्रभाकर ने कहा कि नदियां राष्ट्रीय संपत्ति हैं। इसकी सुरक्षा करना भी भाजपा सरकार की जिम्मेदारी है। हालाँकि, क्षेत्र के भाजपा नेता तृणमूल कांग्रेस से रेत लूटने का लाभ उठा रहे हैं। नेताओं ने सभी वर्गों के लोगों से नदी को बचाने के अभियान में शामिल होने का आह्वान किया।वहीं दूसरी ओर जमुड़िया में भी माकपा कार्यकर्ताओं ने मनरेगा के काम को फिर से शुरू करने, जो मजदूर हैं उनको उनके कानूनी अधिकार प्रदान करने, आवास योजना के तहत जो लोग घर के दावेदार हैं उनका घर प्रदान करने तथा अजय नदी से अवैध बालू उत्खनन को रोकने की मांग पर जामुड़िया बीडीओ कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया एवं ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बालू के अवैध उत्खनन से अब नदी की तलहटी में बालु नहीं है जिस वजह से अगर बढ़ आए तो इलाके के लोगों को भारी परेशानियों की सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिनके पास सब पट्टा है ऐसे लोगों को भी जमीन से हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दरबारडांगा में जो वाटर प्रोजेक्ट है वहां से गंदा पानी निकल रहा है। कोयला खदान का पानी वाटर प्रोजेक्ट के पानी में मिल रहा है जिस वजह से उसे वाटर प्रोजेक्ट से जहां-जहां पानी की आपूर्ति हो रही है वहां पर लोगों को गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। बीडीओ से इन समस्याओं के निराकरण की मांग की गई।