
जामुड़िया(टोनी आलम) : दुर्गा पूजा केवल आस्था और उत्सव का पर्व नहीं, बल्कि मानवता और भाईचारे का संदेश भी देती है। इसी भावना को साकार करते हुए धसल ग्राम सार्वजनिन दुर्गोत्सव समिति ने महाषष्ठी के दिन एक सराहनीय पहल की। समिति ने लगभग 200 गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को सम्मानपूर्वक शाड़ियां भेंट कर उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी।शाड़ियां प्राप्त करते ही महिलाओं की आंखों में खुशी और कृतज्ञता के आंसू छलक पड़े। समिति के सचिव तापस घोष ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य त्योहार की खुशियों में उन लोगों को भी शामिल करना है, जो आर्थिक कारणों से नए वस्त्र खरीदने में असमर्थ रहते हैं। उन्होंने कहा की मां दुर्गा की पूजा तभी सार्थक होगी जब समाज के हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान हो। हमारा प्रयास है कि कोई भी वंचित न रह जाए।इस अवसर पर पूर्व शिक्षक दीपंकर बाबू, बिरेन दत्ता, मनबोध रुज, सजल भंडारी, आलोक मंडल, निर्मल माजी और सोना माझी समेत कई विशिष्टजन उपस्थित रहे। उन्होंने समिति की इस पहल को समाज में मानवता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।तापस घोष ने आगे बताया कि इस वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें गांव के युवा सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। विशेष आकर्षण के रूप में यात्रापाला का मंचन होगा। उनका मानना है कि वर्तमान पीढ़ी अपनी जड़ों और सांस्कृतिक धरोहर से धीरे-धीरे दूर हो रही है। इसलिए पूजा के दौरान प्रतिदिन ऐसे आयोजन होंगे, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी भाग ले सकेंगे।इस पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पूजा केवल मां दुर्गा की मूर्ति के सामने दीप जलाने से नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के जीवन में खुशियां और रोशनी फैलाने से होती है।